प्रसिद्ध सिंहासन बत्तीसी की तीसरी कहानी चन्द्रकला - एक बार पुरुषार्थ और भाग्य में इस बात पर ठन गई कि कौन बड़ा है? पुरुषार्थ कहता कि बगैर मेहनत के कुछ भी संभव नहीं है जबकि भाग्य का मानना था कि जिसको जो भी मिलता है भाग्य से मिलता है। परिश्रम की कोई ...
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